गीत: “पाँच कोशों की साधना”

गीत: “पाँच कोशों की साधना” (ताली – 8 मात्रा, राग – यमन/भैरवी शैली, गति – मध्यम) (मुखड़ा) पाँच कोशों की साधना, जीवन बने मधुर गाथा। तन, प्राण, मन से होकर, पहुँचे आत्मा की छाता।।   (अंतरा 1 – अन्नमय कोश) शुद्ध अन्न से तन पावन होवे, उपवास से चेतन जगे। आसन से बहती प्राण तरंगें, …