“पल-पल रंग बदल रही है दुनिया, और लोग पूछ रहे हैं कि होली कब है।” यह पंक्ति न केवल व्यंग्य है, बल्कि हमारे समाज का यथार्थ भी दिखाती है। हर क्षण दुनिया बदल रही है—विचार, मूल्य, संबंध, और परिस्थितियाँ लगातार रूप बदल रहे हैं। लेकिन हम इन परिवर्तनों को समझने और उनसे सीखने की बजाय …
बदलती दुनिया और अस्थिर मन
